नया साल आते ही हम सब न्यू ईयर रेजॉल्यूशन की तैयारी में लग जाते हैं. लोग नई-नई चीजों की शपथ लेते हैं, जिसे वे पूरे जोश के साथ हासिल करना चाहते हैं
नया साल आते ही हम सब न्यू ईयर रेजॉल्यूशन (नए साल के लिए संकल्प) की तैयारी में लग जाते हैं. लोग नई-नई चीजों की शपथ लेते हैं, जिसे वे पूरे जोश के साथ हासिल करना चाहते हैं.
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हालांकि, ऐसे कई लोग हैं, जो वित्त और निवेश से जुड़े न्यू ईयर रेजॉल्यूशन को भूल जाते हैं. क्या आपने सोचा है कि ये संकल्प जो पूरे होने पर किस्मत बदल सकते थे, क्यों फेल हो जाते हैं. आइए इसकी वजह जानने की कोशिश करते हैं.
सटीक योजना का अभाव
जीवन में किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना बनाना सबसे जरूरी है. यह आपके पास मंजिल तक पहुंचने का ब्लूप्रिंट होता है, जिसमें उन सभी छोटे-बड़े कदमों का जिक्र होता है, तो आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं.
मसलन, यदि आप किसी निर्धारित समयावधि में निश्चित फंड जुटाना चाहते हैं, तो आपको उन सभी विकल्पों और माध्यमों का पता लगाना होगा, जो इस कार्य में आपकी मदद कर सकते हैं.
यदि आप आपातकालीन फंड बनाना चाहते हैं, तो लिक्विड फंडों और स्वीप-इन फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश इसमें आपकी मदद कर सकते हैं. इसी तरह यदि आप रिटायरमेंट के लिए बड़ी राशि जुटाना चाहते हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंडों में एसआईपी या सिप निवेश के जरिए अपनी तैयारी कर सकते हैं.
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अव्यावहारिक उम्मीदें रखना
मनुष्य का स्वभाव है कि वह किसी चीज से अवास्तविक उम्मीदें रखता है. आमतौर पर यही हमारे रेजॉल्यूशन को पूरा कर पाने की राह की सबसे बड़ी बाधा है. यह समझना जरूरी है कि हर वित्तीय साधन का काम अलग-अलग है और उसे प्रयोग करने का तरीका भी अलग ही होता है.
उदाहरण के लिए, हम जानते हैं कि शेयर बाजार महंगाई दर को मात देने वाले रिटर्न प्रदान करते हैं. मगर यह लंबी अवधि में होता है, अमूमन 8 से 10 साल या उससे अभी ज्यादा समय भी लग सकता है. यदि आप उम्मीद करेंगे कि इक्विटी पहले ही साल में आपको बंपर रिटर्न देगा, तो आपको निराशा हाथ लग सकती है.
इसलिए जरूरी है कि आप जिस एसेट क्लास में निवेश कर रहे हैं, उसकी पूरी व्यापक जानकारी हासिल कर ले और समझ लें कि वह कैसे काम करती है व किन वजहों से प्रभावित हो सकती है.
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जोखिम क्षमता का गलत अनुमान
किसी भी एसेट क्लास में निवेश करने से पहले निवेशकों को अपने जोखिम क्षमता का पता होना चाहिए. जोखिम क्षमता कई वजहों से प्रभावित हो सकती है. आपके परिवार में निवेश कैसे किया जाता है, बाजार में आपका अनुभव कैसा रहा, आपके परिवार में निवेश के क्या मायने, आदि जैसी तमाम बाते आपके जोखिम उठा पाने की क्षमता को निर्धारित करती हैं.
मसलन, यदि आपका नजरिया रक्षात्मक है, तो शेयर बाजार की मौजूदा रिकॉर्डतोड़ तेजी के बावजूद आप आक्रामक निवेशक नहीं बन सकते, जो अधिक जोखिम और अस्थिरता को हजम करने की क्षमता रखता हो.
अपनी जोखिम क्षमता का गलत अनुमान आपको गलते फैसलों की तरफ अग्रसर कर सकता है, जो आपके संकल्प को प्रभावित कर सकते हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि इसका आपके वित्तीय लक्ष्यों पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
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सही सलाह और मार्गदर्शन का अभाव
जैसे हर मर्ज की एक दवा नहीं होती. इसी तरह निवेश की दुनिया में भी हर रणनीति सभी निवेशकों के लिए नहीं होती. एक व्यक्ति के तौर पर हम सबका नजरिया, आय, वित्तीय लक्ष्य और जोखिम क्षमता अलग होती है. इसलिए जरूरी नहीं कि यदि किसी साथी द्वारा अपनाई गई रणनीति आपके लिए भी कारगर साबित हो.
ऐसे में आपको पेशेवर सलाह और मार्गदर्शन की जरूरत होती है, जो आपको सही दिशा दे. भले ही इंटरनेट पर जानकारी का भंडार हो, मगर एक्सपर्ट द्वारा दी गई राय का कोई विकल्प नहीं है.
पेशेवर सलाहकारों का बरसों का तजुर्बा आपके काम आ सकता है. वे आपकी जरूरतों और लक्ष्य को समझते हुए आपकी वित्तीय स्थिति के आधार पर योजना व रणनीति बना सकते हैं.
जरूरी है कि मोबाइल या इंटरनेट पर मिलने वाली चालू-मसाला जैसी टिप्स से बचते हुए ऐसे एक्सपर्ट की सलाह लें, जो आपको विवेकशील फैसले लेने में मदद करे और तमाम-उतार चढ़ावों के बावजूद आपको आसानी से मुश्किलों से निकाल सके.
अंत में, न्यू ईयर रेजॉल्यूशन को पूरा करना कठिन कार्य नहीं है, बशर्ते आपने सही तैयारी की हो और सभी खानों को सही ढंग से भर लिया हो. समय रहते योजना बना लें ताकि आपके पास गलतियां सुधारने का पर्याप्त अवसर हो. नए साल की शुभकामनाएं.