EMI मोरेटोरियम फैसिलिटी आपके होम लोन पर कर कटौती को प्रभावित कर सकती है

EMI मोरेटोरियम  फैसिलिटी 

आप में से ज्यादातर लोग पहले से ही जानते होंगे कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड सहित सभी टर्म लोन पर दी जाने वाली ईएमआई अधिस्थगन सुविधा आप सभी को दी  हुई है। आपको बस मोरेटोरियम अवधि यानि कि किस्त टालने की अवधि में अतिरिक्त ब्याज देना होगा । लेकिन आपको ये नहीं पता होगा कि अगर आपने होम लोन पर ईएमआई मोरेटोरियम का विकल्प चुना है तो इससे आपके टैक्स कटौती पर असर पड़ सकता है।


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emi moratorium facility
EMI Moratorium 

अगर आपने छह महीने (मार्च से अगस्त) तक मोरेटोरियम अवधि की सुविधा ली है तो होम लोन पर मिलने वाले टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप ईएमआई नहीं भरते हैं तो उस साल के लिए मूलधन का रीपेमेंट कम हो जाएगा और टैक्स कटौती का लाभ कम हो जाएगा। हालांकि ब्याज पर मिलने वाला टैक्स बेनेफिट बरकरार रहेगा।


होम लोन के मूलधन भुगतान पर मिलने वाले टैक्स कटौती बेनेफिट पर असर

यदि आपने होम लोन के भुगतान पर ईएमआई मोरेटोरियम अवधि की सुविधा ली है तो आप ईएमआई नहीं भरेंगे, इसका मतलब आप उस अवधि के लिए मूलधन राशि भी नहीं देंगे। इसका असर यह पड़ेगा कि उस साल के लिए आप लोन की राशि देने पर मिलने वाले टैक्स कटौती का लाभ नहीं ले सकते क्योंकि आपने राशि का भुगतान नहीं किया है।

एक व्यक्ति आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये के टैक्स कटौती का क्लेम कर सकता है। होम लोन की राशि का भुगतान करने पर आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती का लाभ ले सकते हैं। सेक्शन के आधार पर आप केवल वास्तविक राशि पर ही कटौती का दावा कर सकते हैं। इसलिए मोरेटोरियम अवधि के लिए कटौती का लाभ क्लेम नहीं किया जा सकता।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं कि मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, इस पर 20 साल के लिए आप आठ फीसदी की दर से ब्याज दे रहे हैं। अगर भुगतान करने का आपका यह पहला साल है तो 12 महीने के लिए भुगतान की राशि 1,05,683 रुपये होगी ।

अगर इसमें आपने मोरेटोरियम अवधि की सुविधा ली है तो आप 43,517 रुपये का भुगतान करेंगे, एक अनुमान के मुताबिक ईएमआई भुगतान अप्रैल महीने से शुरू हो रहा है और मोरेटोरियम अवधि खत्म होने के बाद ईएमआई नहीं बढ़ाई हैं तो आपको कटौती का लाभ उतना कम ही मिलेगा।

होम लोन के ब्याज भुगतान पर मिलने वाले टैक्स कटौती पर असर

कुछ कर्जदारों को मोरेटोरियम अवधि का लाभ लेने पर होम लोन पर ब्याज भुगतान करने पर मिलने वाले टैक्स कटौती पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन कुछ लोगों के लिए प्रभावशाली हो सकता है। होम लोन पर ब्याज भुगतान करने पर आप सेक्शन 24(B) के तहत दो लाख रुपये तक के टैक्स बेनेफिट का क्लेम कर सकते हैं। 

ऐसा जरूरी नहीं है कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान आपको लोन पर ब्याज दर का भी भुगतान करना पड़े। आप उस वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज पर टैक्स कटौती का लाभ उठा सकता है। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि देय ब्याज कटौती के लिए माना जाएगा और उस राशि पर नहीं जो आप वास्तव में चुकाते हैं।


अगर टैक्स के नजरिए से देखेंगे तो ब्याज के संबंध में, हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर मिलने वाली कटौती सेक्शन 24 (B) के तहत निर्धारित सीमा के लिए उसी वित्तीय वर्ष में पूंजी पर देय किसी भी ब्याज की राशि के लिए उपलब्ध है।  


अगर आपने ब्याज पर देय कटौती की सीमा दो लाख रुपये को पार नहीं किया है तो मोरेटोरियम अवधि के दौरान आप ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। याद रखें कि लोन के शुरुआती सालों में ब्याज EMI का एक बड़ा हिस्सा होता है। ऊपर समझाए गए उदाहरण में लोन पर पहले साल के लिए ब्याज की राशि 3,96,181 रुपये से लेकर 4,10,778 रुपये हो जाएगी। लेकिन इससे कटौती के लाभ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

अगर आपके लोन के भुगतान के कुछ ही साल रह गए हैं तो ब्याज की राशि कम होगी। ऐसे मामलों में ज्यादा ब्याज की राशि का मतलब है ज्यादा कटौती बेनेफिट लेना। हालांकि एक बात का ध्यान रखें कि टैक्स कटौती का लाभ तभी मिलता है जब ज्यादा ब्याज का भुगतान हो और लोन की ज्यादा अवधि बची हो, इससे ब्याज की लागत ज्यादा हो जाती है। मोरेटोरियम अवधि का फायदा उठाने के लिए ही लोन पर मिलने वाले टैक्स डिडक्शन पर असर ना डालें।

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