Gratuity Rules? नौकरीपेशा वालों को जानने चाहिए यह नियम

gratuity meaning in hindi

gratuity वह धन राशि या रकम होती है जो कंपनी द्वारा कर्मचारी को इनाम के रूप में दी जाती है। सरल शब्दों में, कंपनी में लंबे समय तक काम करने के लिए gratuity एक इनाम है।

Gratuity Rules
Gratuity Rules

gratuity meaning – आसान शब्दो में gratuity को समझा जाएं तो यह वह धन राशि या रकम है जो एक कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी लम्बी अवधी की सेवा के बदले इनाम के रूप में देती है यदि आपने लगातार 5 वर्षों तक एक ही कंपनी में काम किया है, तो आपको ग्रेच्‍युटी प्राप्त करने का हकदार माना जाता है ग्रेच्‍युटी की राशि एक तय फॉर्मूले के तहत दी जाती है हलाकि कर्मचारी के अच्छे काम के बदले कंपनी gratuity का अमाउंट बड़ा भी सकती है ग्रेच्युटी का एक छोटा हिस्सा कर्मचारी के वेतन से काट लिया जाता है, लेकिन कंपनी एक बड़े हिस्से का भुगतान खुद करती है। gratuity का पैसा आपको नौकरी छोड़ने या रिटायमेंट के समय ही मिलता है अगर आप भी एक कर्मचारी हैं तो आपको ग्रेच्युटी से जुड़े कुछ नियमों की जानकारी जरूर होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें : LIC Dhan Varsha Plan : इस नई स्कीम में मिलेगा 10 गुना रिस्क कवर

Gratuity rules

  • यदि किसी निजी या गवर्मेन्ट कंपनी में 10 या दस से अधिक लोग काम करते हैं, तो कंपनी को सभी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना चाहिए। इस नियम के दायरे में कंपनी के अलावा दुकानें, खान, फैक्ट्री भी आती हैं. परन्तु कर्मचारी को कंपनी में लगातार पांच साल काम करने के बाद gratuity पाने का अधिकार है। 10 या 20 साल की नौकरी के बाद ग्रेच्‍युटी का अच्‍छा खासा अमाउंट कर्मचारी को मिलता है,
  • कंपनी में आपने कितने साल काम किया है, यह निर्धारित करने के लिए भी एक फार्मूला होता है। अगर कर्मचारी कंपनी में 4 साल 8 महीने काम करता है, तो उसका काम पूरे 5 साल माना जाएगा और उसे gratuity की राशि 5 साल के हिसाब से मिलेगी। यदि उसने 4 वर्ष 8 माह से कम समय तक कार्य किया है तो उसका कार्य काल 4 वर्ष गिना जाएगा तथा ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।
  • कर्मचारी के नोटिस पीरियड को भी गेच्‍युटी की अवधि में गिना जाता है। मान लीजिए कि आप किसी कंपनी में साढ़े चार साल काम करने के बाद इस्तीफा देते हैं और इस्तीफे के बाद, आप दो महीने की नोटिस अवधि को पूरा करते हैं। ऐसे में आपकी सेवा अवधि 4 वर्ष केवल 8 माह मानी जाएगी और इसे 5 वर्ष मानकर ग्रेच्युटी की राशि दी जाएगी।
  • यदि किसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके ग्रेच्युटी खाते में जमा की गई पूरी राशि उनके नॉमनी (Gratuity nominee) को वापस कर दी जाती है। ऐसे में न्यूनतम 5 वर्ष की सेवा की शर्त लागू नहीं होती है।
  • gratuity का एक फार्मूला होता है (अंतिम वेतन) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26)। अंतिम वेतन पिछले 10 महीनों के आपके वेतन के औसत के बराबर है। इस वेतन में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन शामिल है। चूंकि महीने में चार रविवार छुट्टी होती हैं इसलिए 26 दिनों गिना जाता है 15 दिन के आधार पर gratuity का कैलकुलेशन होता है.
  • जहां कंपनियां या संस्थान ग्रेच्युटी कानून के तहत पंजीकृत नहीं हैं, वहां कर्मचारी ग्रेच्युटी कानून के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे में ग्रेच्‍युटी देना या न देना, कंपनी की अपनी पसंद होती है। लेकिन अगर कंपनी फिर भी अपने कर्मचारी को gratuity देना चाहती है, तो ऐसे में उसका फार्मूला अलग होता है ऐसे में ग्रेच्युटी की राशि प्रति वर्ष के 6 महीने के वेतन के बराबर होगी। लेकिन एक महीने में कार्य दिवसों की संख्या 30 दिन मानी जाएगी न कि 26.

यह भी पढ़ें : Best Diwali Stocks 2022। अगली दिवाली तक के लिए बेस्ट इन्वेस्टमेंट शेयर्स

इस जानकारी को अपने साथी कर्मचारियों के साथ शेयर करे. अधिक जानकारी के लिए अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से संपर्क करे.

यह भी पढ़ें : 2002 में इन Midcap Mutual Funds में 5000 रूपये की SIP शुरू की होती, आज मिलते 2 करोड़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

CHARLIE MUNGER, वॉरेन बफेट के विश्वसनीय सलाहकार के 6 यादगार कोट्स Fedbank IPO: Federal Bank की सहायक कंपनी का IPO IREDA IPO: Date, details और GMP जानिए भारत में सोने में निवेश के उपलब्ध 5 ऑप्शन. Dhanteras के दिन यह 5 चीजें जरूरखरीदना चाहिए, माने जाते है बहुत शुभ