Investors get lower returns than fund returns Axis MF study – एक स्टडी के अनुसार, इक्विटी फंडों ने 18.8 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है, लेकिन इसी अवधि में इन्वेस्टर का रिटर्न सिर्फ 12.5 फीसदी था। डेट फंडों के संबंध में, यह अंतर 12.5% और निवेशकों के लिए 7.4% था. Investors get lower returns than fund returns Axis MF study
Investors get lower returns than fund returns : Axis MF study |
2003 से 2019 तक 16 वर्षों की अवधि में एक्सिस म्यूचुअल फंड के अध्ययन से पता चला है कि निवेशकों का रिटर्न उनके फंड के रिटर्न की तुलना में कम है।
अध्ययन के अनुसार, इक्विटी फंडों ने 18.8 फीसदी की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दी है लेकिन इस अवधि में निवेशकों का रिटर्न सिर्फ 12.5 फीसदी था। AMC ने हाइब्रिड फंडों को भी देखा और यहाँ भी निवेशकों को केवल 7.4% का रिटर्न मिला जबकि इसकी तुलना में फंडो का रिटर्न 12.5 फीसदी था।
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Debt Funds
डेट फंडों के संबंध में, फंडों का रिटर्न 8.1% और निवेशकों को प्राप्त रिटर्न 7.7% था।
AMC ने सितंबर 2019 में समाप्त होने वाले 5 वर्षों की छोटी अवधि के रिटर्न पर भी ध्यान दिया, यहां यह पाया गया कि इक्विटी फंड में निवेशक का रिटर्न, चाहे एकमुश्त (5.8%) या SIP (6.4%) के माध्यम हो इस समय अवधी में भी फंड के रिटर्न (8.2%) से कम था । यह मामला हाइब्रिड फंडों के लिए भी समान था, जिसमें निवेशकों को एकमुश्त निवेश पर 7.4% और SIP पर 10.1% रिटर्न मिला इसकी तुलना में फंडों का रिटर्न 15.5% था। डेट में यह अंतर 8.1% के फंड रिटर्न की तुलना में एकमुश्त 7.7% और SIP 7.9% पर थोड़ा कम था। इस अध्ययन से यह जानना जरुरी हो जाता है की रिटर्न में यह अंतर किस कारण से आता है इसके पीछे के कई कारण हो सकते जिसे हम यहाँ जानेंगे।
Investors get lower returns than fund returns : Axis MF study |
Key reason
यहां निवेशकों के व्यवहार को मुख्य कारण के रूप में देखा गया कि उन्होंने कम रिटर्न क्यों अर्जित किया। कुछ निवेशक अपनी SIP को बंद कर देते हैं जब बाजार गिरता है और कुछ अपनी पूंजी की रक्षा के लिए अपने सभी निवेशों को बेचना शुरू कर देते हैं।
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कई निवेशक शार्ट टर्म इनफार्मेशन पर ओवर-रियेक्ट करते हैं। जब बाजार गिरता है तो उनका पोर्टफोलियो लाल रंग में रंग जाता है, तो वे अपने निवेश की सुरक्षा के लिए अपने निवेश को बेच देते हैं
उसका मतलब यह है कि निवेशकों को अस्थिरता के साथ जीना सीखना होगा। जब पिछला रिटर्न अच्छा होता हैं तो कई निवेशक अपना पैसा निवेश में बनाये रखते हैं लेकिन जब स्थिति खराब होती है तो वे निवेश से बाहर निकलने लगते हैं। जबकि निवेशक को ऐसा करने से बचना चाहिए।
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यहां तक कि अगर आप लंबी अवधि के लिए औसत प्रदर्शन करने वाले फंड में भी निवेश करते हैं, तो आप एक अच्छी मात्रा में धन सृजन कर सकेंगे। कई बार पिछले टॉप फंडो का पीछा करना निवेशकों को मुश्किल में डाल देता है इस लिए आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता पर विचार करने के बाद ही इक्विटी फंड और हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए।
वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई फाइनेंसियल स्कीम के अनुरूप शुरू किए गए निवेश को बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद जारी रखा जाना चाहिए। ताकि लम्बे समय में आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सके।
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Stay with your SIPs
मुश्किल समय में आप अपने इक्विटी फंड में अपनी SIP को जारी नहीं रख पते है तो यह आपके ओवरआल रिटर्न को काम कर देगा। SIP का उद्देश्य रुपये की औसत लागत का लाभ उठाना है। यदि आप बुरे समय में बेचते हैं, तो आप खुद को इस लाभ से वंचित कर रहे हैं जब बाजार बिकवाली के दबाव में हो, तो आप अपनी मौजूदा SIP के अलावा, आप अतिरिक्त नकदी के इन्वेस्टमेंट पर भी विचार कर सकते हैं, जिससे आपकी औसत लागत कम हो जाये और आपका रिटर्न और बेहतर हो जाये।
ऐसा करना कहा से आसान है, लेकिन निवेशकों को अपने निवेश में अधिक अनुशासन लाने का प्रयास करना चाहिए। वे निवेश सलाहकारों या म्यूचुअल फंड वितरकों से भी संपर्क कर सकते हैं यदि उन्हें ऐसे समय में निवेश का निर्णय लेने में मुश्किल हो रही हो।
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