PPF, NSC से पैसे निकाल रहे है तो जानले टीडीएस (TDS) रूल्स

PPF, NSC या अन्य किसी स्कीम से पैसे निकालने की सोच रहे हैं तो आपको इन पर लगने वाले TDS रूल्स की जानकारी जरूर होना चाहिए

Tax On PPFand NSC, FINVESCO
Tax On PPFand NSC
 
पिछले साल जुलाई में, सरकार ने आयकर अधिनियम के तहत एक नया नियम जारी किया। यदि कोई व्यक्ति पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट, आवर्ती जमा (Recurring Deposit, RD) या राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (National Savings Certificate, NSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं से पैसा निकालता है, तो वह 2 से 5% की दर से टीडीएस (TDS) का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है। आयकर अधिनियम की धारा 194N के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति PPF, डाकघर बचत, रिकरिंग डिपॉजिट(RD), राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) से धन की निकासी करता है और साथ ही उसने पिछले 3 सालो में इनकम टैक्स फाइल नहीं किया है तो उसे 2 से 5% की दर से टीडीएस (TDS) देना होगा।
 
 
इनकम टैक्स विभाग उन लोगों पर नज़र रखने के लिए कई स्रोतों से डेटा एकत्र कर रहा है जो टैक्स से बचने की कोशिश कर रहे हैं और आयकर रिटर्न (ITR) फाइल नहीं कर रहे हैं। और टैक्स देने से बचने की फिराक में हैं इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने आयकर अधिनियम के तहत जुलाई के महीने में पिछले साल एक नया विनियमन लाया। 
 
नियम क्या कहता है
अगर किसी व्यक्ति ने पिछले 3 साल से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है और वह PPF सहित किसी भी पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम से 20 लाख रुपये से अधिक पैसा निकालता है तो धारा 194N के तहत उसे इस पर 2% TDS देना होगा। 20 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की निकासी पर TDS की दर 2% है। अगर निकासी की रकम 1 करोड़ रुपये से अधिक है तो उसे 5% TDS देना होगा।

TDS का रेट इन बातों पर भी निर्भर करता हैं

यदि कैश निकलने वाले व्यक्ति ने पिछले 3 सालो में एक बार भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया हैं तो एक करोड़ तक की राशि के निकाशी पर कोई टीडीएस (TDS) नहीं देना होगा। और यदि राशि एक करोड़ से अधिक हे तो 2% का टीडीएस देना होगा। टीडीएस (TDS) का यह नियम बैंक और कोऑपरेटिव बैंक के साथ-साथ डाकघर पर भी लागू होते हैं। टैक्स डिपार्टमेंट द्वार युटिलिटी लॉन्च की गई है जिसके उपयोग कर बैंक और पोस्ट ऑफिस यह पता लगा सकते हैं कि किसी व्यक्ति ने इनकम टैक्स (ITR) फाइल किया है या नहीं।

Forms 15G and 15H से भी नहीं होगा कोई फ़ायदा 

यदि आप सोच रहे हैं की Form 15H या 15G देकर टीडीएस बच सकते हैं। तो ऐसा नहीं हैं यह एक डिक्लरेशन फॉर्म होता है जो बताता हे की आपकी इनकम छूट की सीमा से कम है। इस मामले में आपके पास कोई विकल्प नहीं है। 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर टीडीएस कटेगा। फॉर्म 15G और 15H धारा 197N के तहत इस मामले में ऐप्लिकेबल नहीं है।

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