SBI ने लैंडिंग रेट में बढ़ोतरी की। लोन की EMI बढ़ेगी
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने लोन पर अपनी सीमांत लागत उधार दर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ लेंडिंग रेट) (MCLR) में 10 आधार अंक या 0.10 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। नई उधार दरें 15 जुलाई से लागू हो चुकी है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की वेबसाइट के अनुसार, एक वर्ष की अवधि के लिए, बैंक ने MCLR को मौजूदा 7.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। और छह महीने की अवधि के लिए MCLR 7.35 फीसदी से बढ़ाकर 7.45 फीसदी किया गया है। इसके साथ ही दो साल की अवधि पर MCLR 7.60 फीसदी से बढ़ाकर 7.70 फीसदी किया गया । तीन साल की अवधि में इसे 7.7 फीसदी से बढ़ाकर 7.8 फीसदी किया गया है।
MCLR में बढ़ोतरी का रिटेल लोन लेने वालो पर क्या असर होगा?
इसका मतलब यह है कि होम, कार या पर्सनल लोन की ब्याज दर अधिक हो सकती है, और यह आपकी EMI को भी प्रभावित करेगा। SBI के होम लोन की दरें सिबिल स्कोर के आधार पर 7.05% से 7.55% तक अलग-अलग होती हैं। SBI की ऑटो लोन दर 7.45% से 8.15% के बीच है।
MCLR क्या है?
एमसीएलआर वह न्यूनतम उधारी दर है जिसके नीचे बैंकों को उधार देने की अनुमति नहीं है। हर महीने बैंक बाजार की स्थितियों के आधार पर अपनी MCLR दर में संशोधन करते हैं। MCLR एक साल से लेकर तीन साल तक की अवधियों में अलग-अलग होता है। यह फंड की मार्जिनल कॉस्ट,ऑपरेटिंग कॉस्ट, कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) और प्रीमियम की समय-सीमा जैसे घटकों के आधार निकल जाता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने कुछ समय अवधी के लोन्स पर ब्याज की दर में 10-15 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। यह नई दरें 12 जुलाई से प्रभावी हो चुकी है।
निजी बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक ने भी अपनी लोन रेट में 10 से 15 अंकों की बढ़ोतरी की है। यह पर MCLR की नई दर 8 जुलाई 2022 से लागू हो चुकी है।