Tax on Dividend Income

Dividend Received from an Indian Company

हम जानते हैं कि वित्त अधिनियम 2020 (Finance Act, 2020) से पहले घरेलू कंपनी से प्राप्त डिविडेंड (Dividend) पर शेयरधारकों को टैक्स छूट प्रदान हुआ करती थी। क्योंकि डिविडेंड की घोषणा करने वाली कंपनी को शेयरधारकों के खाते में डिविडेंड की राशि जमा करने से पहले आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115-O के प्रावधानों के तहत डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) का भुगतान करना होता था। कई व्यापारिक घराने DDT के भुगतान पर चिंता जता रहे थे और भारत में FDI के निवेश और प्रवाह के लिए एक सहज और अच्छा वातावरण बनाने के लिए DDT के भुगतान को हटाने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। 

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Tax on Dividend Income

वित्त अधिनियम, 2020 (Finance Act, 2020) के माध्यम से सरकार ने DDT के भुगतान के प्रावधानों को हटा दिया है और शेयरधारकों को प्राप्त डिविडेंड चाहे वह घरेलू या विदेशी कंपनी से हो, शेरधारको के हाथों में टैक्सेबल होगा। 

वित्त अधिनियम, 2020 (Finance Act, 2020) के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से या उसके बाद कंपनियों और म्यूचुअल फंड द्वारा डिविडेंड वितरण पर टीडीएस लगेगा है। TDS की सामान्य दर कंपनी या म्यूचुअल फंड से प्राप्त 5,000 रुपये से अधिक की डिविडेंड आय पर 10% लगेगा। 

    उदाहरण के लिए, रवि को 15 जून 2020 को एक भारतीय कंपनी से 6,000 रुपये का डिविडेंड प्राप्त हुआ। चूँकि उनकी डिविडेंड इनकम 5,000 रुपये से अधिक है, कंपनी डिविडेंड इनकम पर 10% की दर से टीडीएस (TDS) काटेगी जो कि 600 रुपये है। रवि को 5,400 रुपए प्राप्त होंगे। इसके अलावा, डिविडेंड इनकम वित्त वर्ष 2020-21 (AY 2021-22) के लिए लागू स्लैब दरों के अनुसार रवि की टैक्सेबल इनकम होगी।

यह भी पढ़ें : Presumptive taxation – Section 44AD, 44ADA, 44AE for Business, Profession and Transporters

DIVIDEND INCOME WILL BE TAXABLE UNDER HEAD – INCOME FROM OTHER SOURCES:- SECTION 56
डिविडेंड इनकम धारा 56 के तहत अन्य स्रोतों से आय के शीर्ष के अंतर्गत टैक्सेबल होगी

चूंकि डिविडेंड इनकम के लिए अन्य कोई शीर्ष नहीं है जिसमें किसी व्यक्ति की डिविडेंड इनकम को जोड़ा जाये इस कारण टैक्सेबल इनकम उत्पन्न करने के लिए लाभांश आय को “अन्य स्रोतों से आय” के हेड में जोड़ा जाएगा और इसलिए यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 56 के अवशिष्ट शीर्ष के तहत कर योग्य है।

SECTION 57

धारा 57 प्रावधान करता है कि कंपनी के शेयरों में निवेश करने के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज को छोड़कर, डिविडेंड इनकम (DIVIDEND INCOME) से किसी भी खर्च की डिडक्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी और इसे प्राप्त डिविडेंड इनकम के 20% तक सीमित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि डिडक्शन की अनुमति केवल ब्याज व्यय या शेयरधारक द्वारा प्राप्त लाभांश आय के 20% की सीमा तक होगी।  


उदाहरण मान लीजिए कि श्रीमान रवि एक्स लिमिटेड के शेयरधारक हैं, और एक्स लिमिटेड से 2,50,000 रुपए का डिविडेंड फाइनेंसियल ईयर 2020-21 दौरान प्राप्त हुआ उन्होने एक्स लिमिटेड के शेयरों में निवेश के लिए 5,00,000 रुपए का 12% प्रति वर्ष की दर से कर्ज लिया। अब इस मामले में वर्ष के दौरान उसके द्वारा देय कुल ब्याज रु. 60,000 है 
   
डिविडेंड इनकम से अनुमत डिडक्शन की गणना निम्नानुसार की जाएगी

दोनों में से जो कम है 
1. 60,000 या 50,000 (2,50,000 का 20% जो की होता है 50,000) इन दोनों राशि में से 50,000 कम है 
2. रवि के हाथ में शुद्ध टैक्सेबल डिविडेंड इनकम रु 2,00,000 (2,50,000 – 50,000)

Form 15G/15H

फॉर्म 15G/15H: डिविडेंड प्राप्त करने वाला व्यक्ति जिसकी अनुमानित वार्षिक आय छूट की सीमा से कम है, कंपनी या म्यूचुअल फंड को डिविडेंड का भुगतान करने के लिए फॉर्म 15G जमा कर सकता है। इसी तरह, वरिष्ठ नागरिक जिसका अनुमानित वार्षिक टैक्स शून्य है, डिविडेंड का भुगतान करने वाली कंपनी को फॉर्म 15H जमा कर सकता है। कंपनी या म्यूचुअल फंड शेयरधारक को उनकी पंजीकृत मेल आईडी पर डिविडेंड की घोषणा के बारे में सूचित करते है और टीडीएस (TDS) के बिना डिविडेंड आय का दावा करने के लिए फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा करने को कहते है।

Dividend Received from Foreign Company 
विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड

विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड टैक्सेबल है। इस पर “अन्य स्रोतों से होने वाली आय” के मद के तहत टैक्स लगाया जाएगा। विदेशी कंपनी से प्राप्त डिविडेंड को करदाता की कुल आय में शामिल किया जाएगा और करदाता पर लागू दरों के अनुशार टैक्स लिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि करदाता 30% टैक्स स्लैब दर में आता है, तो ऐसा डिविडेंड भी 30% टैक्सेबल होगा।
    विदेशी डिविडेंड के मामले में भी, निवेशक केवल टोटल डिविडेंड इनकम के 20% तक ही ब्याज व्यय की डिडक्शन का दावा कर सकता है।
क्या करें?
31 मार्च, 2021 को वित्तीय वर्ष की समाप्ति के साथ, इस वर्ष जुलाई के अंत से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने का समय है। इनकम टैक्स को आसान बनाने के लिए, डिविडेंड इनकम का विवरण अब आयकर रिटर्न फॉर्म में पहले से भरा हुआ रहेगा और इसे आयकर पोर्टल से डाउनलोड भी किया जा सकता है।

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